बेटा इनसे झगड़ा नहीं करते यह हम लोगों टीचर है यह हमें सिखाते हैं कि दुनिया में इंसान की नहीं उसके कपड़ों की उसके धन की कदर होती है |Kader khan
कादर खान के 10 iconic डायलॉग
कादर खान
जन्म :- 22 October 1937, Pishīn,
Pakistan
मृत्यु :- 31 December 2018,
canada
जी हाँ दोस्तों, एक समय ऐसा था जब दर्शक इस कलाकार को कॉमेडी किंग के नाम से बुलाया करते थे, उनका नाम था कादर खान हिंदी फिल्म जगत में यह कैसे एक्टर थे जो अपने बेहतरीन, कॉमेडी, डायलॉग डिलीवरी और डायलॉग लिखने तथा फिल्म डायरेक्शन के लिए के लिए मशहूर थे | कादर खान ने अपने बेहतरीन एक्टिंग के दम पर कई सारे फिल्मों को सुपरहिट बनाया और साथ ही साथ अगर उन्होंने किसी फिल्म में काम नहीं भी किया हो लेकिन फिर भी अपने डायलॉग्स की मदद से उन्होंने उस फिल्म को भी सुपरहिट करने में बहुत मदद किया | जैसे :- अगनिपथ ( अमिताभ बच्चन ), उनके अंदर लोगों को जैसे हंसाने की एक कला थी वैसे ही उनके अंदर लोगों के आंखों में आंसू लाने की भी कला थी | फिल्मों के पर्दों पर वे जितना हंसी खुशी रहा करते थे असल जिंदगी में उनके ऊपर बहुत सारे दुख थे | गरीबी के कारण ही बचपन में उनके माता-पिता अलग हो गए और भी बहुत कुछ, हालांकि अब हमने हिंदी फिल्म जगत के ऐसे एक बहुत ही बेहतरीन कलाकार को खो दिया है लेकिन फिर भी कादर खान ने हिंदी फिल्म जगत के लिए जितना भी योगदान दिया है वो अमर कलाकार है | इसी वजह से कादर खान हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे |
😔Miss you Kader Khan…..
इन्हें भी ज़रूर पढ़े 👀👇
हिंदी फिल्मों 14 दमदार डायलॉग्स
Top 12 kgf movie dialogues in hindi
Top 23 super hit dialogues of sunny deol
Top 20 Nana patekar ke iconic dialogues
तो आइए पढ़ते हैं कादर खान के डायलॉग
Note :- दोस्तों यहाँ कुछ डायलॉग्स के आगे उनके फिल्मों के नाम नहीं दिए दिए हुए हैं , इसका आप गलत मतलब ना निकले | क्यूँकि हमें बहुत कोशिश करने के बाद भी कुछ फिल्मों के नाम नहीं मिले हैं | बाकी सब छोड़िये और डायलॉग्स के मज़े लीजिए
फिल्म :- unknown
मगर आज स्कूल में पढ़ी हुई उस लकड़हारे की कहानी याद आ गई सर, जो अक्सर लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए चलाया करता था शेर आया शेर आया... और सारा गांव उसके मदद के लिए दौड़ पड़ता था, लेकिन वहां कोई शेर नहीं होता था | एक दिन सचमुच का शेर आया, उस दिन वो बहुत चिल्लाया, शेर आया शेर आया लेकिन उसकी मदद को तब कोई नहीं आया | वही हाल मेरा भी है, आज सर कल तक मैं झूठ बोलता था तो सारा जमाना विश्वास करता था लेकिन लेकिन आज मैं सच बोल रहा हूं और एक भी इंसान विश्वास नहीं कर रहा
हालात शेर बनकर मुझे खा रहा है मगर जमाना मेरी हालत पर मुस्कुरा रहा हैं....
फिल्म :- unknown
दुनिया में लाखों ऐसे बूढ़े हैं जो यातो अकेले हैं या बेपरोवत, बेगैरत औलादों के बाप है, जो या तो भूख से तड़प तड़प कर मर जाते हैं मगर उनके मुंह में पानी डालने वाला कोई नहीं होता है, अनगिनत अपाहिज है जिनकी इमातदारी करने के लिए कोई नहीं है, करोड़ों ऐसे नौजवान है जो पढ़ना चाहते हैं मगर गरीबी, मुफलिसी के हालात उनके हाथों से वह किताबें छीन लेती है और वह पढ़ नहीं पाते.....
मुक्कदर का सिकंदर 1978
अरे साला इस संसार में सब भिखारी है, कौन भिकारी नहीं है ? हम पेट के भूखे हैं रोटी के पीछे भागते इसलिए रोटी के भिखारी है,
यह साले दौलत के चाहने वाले दौलत के भूखे है इसलिए दौलत के पीछे भागते हैं दौलत के भिकारी हैं...
यह कुर्सी के चाहने वाले नोटों के पीछे भागते हैं क्योंकि यह नोटों के भिकारी है अगर देखो तो संसार का हर इंसान हर घड़ी किसी ने किसी के चीज पीछे भागता रहता है हर इंसान किसी न किसी चीज का पीछा करते रहता है, बस फर्क इतना होता है जब कोई भिकारी, उसका तकदीर अच्छा होता है तो वह अच्छाई बटोर लेता है और जिसकी तकदीर बुरी होती है वह बुराई बटोर लेता है....
मुकद्दर का सिकंदर 1978
इस फकीर एक बात याद रखना, जिंदगी का अगर सही लुफ्त उठाना है ना तो मौत से खेलो, सुख में हंसते हो तो दुख में बहकारे लगाओ... जिंदगी का अंदाज बदल जाएगा बेटे |
जिंदा है वह लोग जो मौत से टकराते हैं मुर्दों से बदतर है वह लोग जो मौत से घबराते हैं
दुख को ठोकर मार और सुख को अपना सुख तो बेवफा है चंद दिनों के लिए आता है और चला जाता है मगर दुख अपना साथी है अपने साथ रहता है
unknown
यह अनाथ आश्रम सब नाम के होते हैं असल में यह मुसीबत आश्रम होते हैं अनाथ आश्रम में जो बेचारे बच्चे पलते हैं वो भूख, प्यास, गरीबी ,जुल्म, मार सहते सहते बड़े होते हैं और जब बाहर निकलते हैं तो आधे मुजरिम बन चुके होते हैं साहब मैं तो कहता हूं यहां पर बारह आना जो मुजरिम है वह अनाथ आश्रम के पैदावार है
इंस्पेक्टर साहब आप अपने इस भर्ती को हटाकर अपने इस खुसरो से दिल से सवाल कीजिए कि ये छोटा सा मासूम अनाथ आश्रम में पलने के लायक है ?
हीरो बर 1नं
बेटा इनसे झगड़ा नहीं करते यह हम लोगों टीचर है यह हमें सिखाते हैं कि दुनिया में इंसान की नहीं उसके कपड़ों की उसके धन की कदर होती है......
Unknown
बहु कहते हैं चादर जितनी बड़ी हो इंसान को पैर उतने ही फैलाने चाहिए मगर मेरी तो चादर पहले ही छिन चुकी है मैं अपने हिस्से का खाना बहुत पहले ही खा चुका हूं यह चटनी रोटी भी मैं अगले जन्म से कर्ज लेकर खा रहा हूं....
Unknown
इस देश में पढ़ाई लिखाई करने वालों को मिलता क्या है ? सारी जिंदगी मां बाप के दौलत और मेहनत को बर्बाद करके लड़के डिग्री हासिल करते हैं उसके बाद उसके बाद नौकरी के लिए ठोकरें खाते फिरते हैं
आधी जिंदगी पढ़ाई करने में गुजर जाती है और आधी जिंदगी ठोकरें खाने में गुजर जाती है तो क्या फायदा ऐसी पढ़ाई हासिल करके उल्टा पढ़ाई हासिल करने के बाद मेहनत - मजदूरी करने में शर्म आती है
क्योंकि दिमाग के दीवारों पर डिग्री की छाप लग जाती है
जैसी करनी वैसी भरनी 1989
बेटे इंसान की जिंदगी एक आईने की तरह होती है फर्क इतना है कि आम आईने में हम जो हरकतें करते हैं उसकी तस्वीर उसी वक्त दिखाई दे जाती है, मगर जिंदगी वो आइना है कि आज किए हुए हरकतों की तस्वीर बरसों बाद नजर आती है और तब तक सुधारा करने के लिए बहुत देर हो चुकी होती है बेटा जगह बदलने से इंसान थोड़ी बदल जाते हैं बेटे जगह मत बदलो अपना दिल बदलो अपने ख्यालात बदलो.......
जैसी करनी वैसी भरनी 1989
चले क्या जाओगे बेटे, तुम तो पहले ही जा चुके हो अपने आप को एक दौलत वाले के मंडी में बेचकर आज बहाना बनाकर हम लोगों से रिश्ता तोड़ने आए हो मैं जानता हूं बेटा, मैं सब कुछ जानता हूं, लेकिन मेरी एक बात याद रखना बेटा | तुम्हारी उम्र मेरे तजुर्बे से बहुत कम है तुमने उतनी दिवालियाँ नहीं देखी है जितनी मैंने तुम जैसे बिकने वालों की बरबादियां देखी है | एक दिन आएगा जब दुनिया वालों को छाती पीट-पीटकर अपनी बर्बादी की किस्सा सुनाना चाहोगे मगर सुनने वाला कोई नहीं होगा |
Tags :- कादर खान के 10 iconic डायलॉग, कादर खान के डायलॉग, Kader khan ke dialogues, kader khan quotes in hindi,
COMMENTS