नाना पाटेकर के सुपरहिट डायलॉग | All time Super hit dialogues of nana patekar | एक मच्छर, एक मच्छर साला आदमी को हिजड़ा बना देता हैं
Something about nana
patekar
नाना पाटेकर, इनके बारे में जितना लिखे जितना कहे
उतना कम है, अपने समय के एक बेहतरीन और मंझे हुए एक्टर ( कलाकार ) थे | लोग इनकी
एक्टिंग के दीवाने तो थे ही लेकिन उससे ज्यादा, लोग इनकी dialogue delivery के काहिल थे | वो एक अच्छे इंसान होने के साथ –
साथ उनके डायलॉग बोलने का अंदाजा उस वक्त के सभी कलाकारों से बिल्कुल अलग था |
उनके
कुछ super hit
movies है
:- क्रांतिवीर ( krativeer ), तिरंगा ( tiranga ), येशवंत ( Yashwant ), गुलाम ए
मुस्तफ़ा ( gulam e mustafa ) आदि |
यहाँ
हम आप लोगो के लिए नाना पाटेकर जी कुछ के सुपर डुपर हिट डायलॉग पेश कर रहे हैं |
All
time Super hit dialogues of nana patekar
फिल्म :- क्रांतिवीर ( krantiveer 1994 ) के डायलॉग्स
आ गये मेरी मौत का तमाशा देखने, अब मुझे लटका देंगे, ज़ुबान ऐसे बहार आएगी
आँखे बहार आएगी, थोड़ी देर लटका रहूँगा, फिर ये मेरा भाई मुझे निचे उतारेगा.......
फिर आप चर्चा करते हुए घर चले जाओगे, खाना खाओगे सो जाओगे
Note :- ☝ आपको ये बात जानकर हैरानी होगी, कि इनका ये डायलॉग जो लोगों द्वारा बहुत पसंद किया गया, इस dialogue को बोलते वक्त वे बीमार थे, इसका खुलासा उन्होंने अपने एक personal interview में लोगो के साथ साझा किया |
बता ये हिन्दू का खून है या मुसलमान का खून,
साले जब बनाने वाले ने इसमें फर्क नहीं किया,
तो तू कौन होता है, फर्क करने वाला
हम भले ही उपर वाले को अलग – अलग नाम से पुकारते हैं....
लेकिन हमारा धर्म एक हैं, मज़हब एक है ...
तुम्हारे नापाक कदम आगे मत बढ़ाओ......
तोड़कर तुम्हारे गले में पहना दूंगा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgZsEltxN-3dm8pblyXQ4OdAuUKW2JeCCdICvDBI6gZN6wGgKtBig9eM2qg4h_axo7qNC9LT9eWcr0E5PDqPHPbXl-9Q7tVLY6aMmVMkYqmiiOOB55xPz_FMnOWN0vtXRmeeTw63UIKHgU/s320/main-qimg-0d484e4146ea072c7064f8e95c62c229.webp)
फिल्म :- तिरंगा ( tiranga 1993 ) के डायलॉग्स
ये पन्द्रासौ की नौकरी करने वाला...
एक दिन तुझे डेढ़ सौ का कफ़न पहनायेगा...
सच्चे पुलिस की या तो मौत होती हैं ....
या तो ससपेंड किया जाता हैं
तुझे ऐसी मौत मारूंगा, कि तेरी पापी आत्मा अगले सात जन्म तक
किसी दूसरे शरीर में घुसने से पहले काँप उठेगी..
कौनसा खून, कैसा खून
ये खून तो चंद मुजरिमों की रखेली बन बैठा हैं
अपना तो उसूल है,
पहले लात, फिर बात, फिर मुलाक़ात....
special for maratha
मैं शिवाजी मराठा, मराठा मारता हैं या मारता हैं..
फिल्म
:- यशवंत ( yeshwant 1997 )
बिरयानी खिलाया, thumbs up पिलाया, ईमान से पुछा कुछ नहीं बताया....
कान के निचे एक आवाज़ आयी सीधे बता दिया...... इसलिए मारना पड़ता है |
ये मेरा पसीना नहीं खून हैं, जो पानी बनकर..
बहता हैं मेरे बदन से |
Iconic
एक मच्छर, एक मच्छर साला आदमी को हिजड़ा बना देता हैं ...
एक खटमल पूरी रात को अपाहिज कर देती हैं
फिल्म :- गुलाम ए मुस्तफ़ा ( gulam e Mustafa 1997 ) के डायलॉग्स
मैं तो लावारिस था, लेकिन मेरे मरने के बाद मेरी लाश
लावारिस नहीं होगी...
मैंने लोगों के घर उजाड़े हैं, इसलिए
आज मेरा घर उजड़ गया...
बेहतर है तू अपना इरादा बदल दे, नहीं तो
मैं तेरा नक्शा बदल दूंगा...
एक मंदिर का दिया भी तेरे को तवाइफ़ के कोठे की
लाल बत्ती लगती हैं..
जान मत माँगना..., इसकी बाज़ार में कोई
कीमत नहीं हैं
मौत से बढ़कर कोई दोस्त नहीं.....
हमेशा मेरे साथ चलती हैं
दोस्तों आप लोगो को कैसे लगे ये डायलॉग्स ? और क्या आपका कोई पसंदीदा डायलॉग इस list में आया ? हमें comment करके जरूर बताए |
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